हिमाचली उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक जिला, एक उत्पाद की महत्वपूर्ण भूमिका: मुख्यमंत्री

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Shimla..मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के अनूठे उत्पादों को बढ़ावा देने पर बल दे रही है। एक जिला एक उत्पाद पहल इस उद्देश्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस अवधारणा को कार्यन्वित करने के लिए राज्य में यूनिटी मॉल की स्थापना की जाएगी, जिसका उद्देश्य देश के सभी जिलों में संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना है। राज्य में समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रत्येक जिले से एक उत्पाद का चयन, ब्रांडिंग और प्रचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्पादों का चयन मौजूदा पारिस्थितिकी तंत्र को ध्यान में रखकर किया जाएगा। इस पहल में राज्य और जिला स्तर पर प्रदर्शनियों, क्षमता निर्माण आदि गतिविधियों को भी शामिल किया गया है। राज्य के जीआई-टैग वाले उत्पाद, हस्तशिल्प उत्पाद और अन्य राज्यों के हस्तशिल्प उत्पाद एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगे।
हिमाचली शिल्प की अपनी एक विशेष पहचान है। राज्य में निर्मित हस्तशिल्प उत्पाद स्थानीय लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाए जाते थे लेकिन अब ये पर्यटकों में भी अत्यंत लोकप्रिय हैं। राज्य में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्पों में लकड़ी की नक्काशी, चमड़े पर कढ़ाई, धातु के बर्तन, कालीन, पेंटिंग और ऊनी वस्त्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में पाई जाने वाली हस्तशिल्प की विशाल श्रृंखला अद्वितीय है जो शिल्पकारों के कलात्मक कौशल को दर्शाती है, इसलिए इसकी ब्रांडिंग पर विशेष बल दिया जा रहा है।
ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य के शिल्प की अतुलनीय सुंदरता और विविधता लोगों के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ती है। यह कुल्लू शॉल, कांगड़ा चाय, हिमाचली चुल्ली का तेल, हिमाचली काला जीरा, चंबा रुमाल, किन्नौरी व कुल्लू शॉल और कांगड़ा पेंटिंग और भी अनेक उत्पाद इसमें शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश के लोगों ने वर्षों से हस्तशिल्प की समृद्ध परंपराओं को विकसित किया है, जो रचनात्मक और विशिष्ट हैं। राज्य सरकार ने 19 और 20 अप्रैल, 2023 को धर्मशाला में जी 20 शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी की, जिसमें प्रदर्शित राज्य के उत्पादों की विदेशी प्रतिनिधियों ने काफी सराहना की।
उन्होंने कहा कि थंगका पेंटिंग तिब्बती कला शिल्पी विश्व भर में लोकप्रिय एक विशिष्ट कला है, जो बुने हुए कपड़े विशेष रूप से सूती कपड़े पर की जाती है। इन चित्रों में ज्यादातर भगवान महात्मा बुद्ध और अन्य देवी-देवताओं को चित्रित किया जाता है। यह कला विशेष रूप से विदेशी पर्यटकों में अत्यंत लोकप्रिय है। हिमाचल प्रदेश के बेहतरीन शॉल, हिमाचल के उत्पाद, कढ़ाई, ऊनी वस्त्र और चमड़े के शिल्प लोकप्रिय हैं। राज्य सरकार प्रदेश के हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार के महत्वाकांक्षी प्रयासों से जहां लोगों को अनूठे उत्पाद उपलब्ध होंगें वहीं ग्रामीण कारीगरों को अपने क्षेत्र में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी मिलेंगें।

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